डाॅ. निशंक ने पौधे लगाकर मनाया मोदी का जन्मोत्सव।

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डाॅ. निशंक ने पौधे लगाकर मनाया मोदी का जन्मोत्सव
केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों को पुस्तकें बांटीं
नई दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर केंद्रीय विद्यालय गोल मार्केट के बच्चों के साथ पौधरोपण किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं देते हुए उनकी दीर्घायु की कामना की और विश्वास व्यक्त किया श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ज्ञान आधारित महाशक्ति बनेगा। केंद्रीय मंत्री डाॅ. निशंक के पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए इस कदम की सोशल मीडिया में काफी सराहना हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मोत्सव केंद्रीय विद्यालय गोलमार्केट में अलग अंदाज में मनाया गया। स्कूल प्रशासन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डाॅ. निशंक ने बच्चों के साथ पौधे रोपे और उन्हें पुस्तकें वितरित कीं। उन्होंने स्कूल प्रशासन को ईडब्ल्यूएस वर्ग के बच्चों के लिए भी पुस्तके प्रदान कीं। कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करते हुए बच्चों ने केंद्रीय मंत्री के साथ पौधरोपण कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लिया।

डाॅ. निशंक ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें महान बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में पूरे विश्व में विशेष पहचान बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि श्री मोदी का बेहद मामूली परिवार से आकर इतने बड़े लोकतांत्रिक देश का प्रधानमंत्री बनना अपने में बड़ी बात है। ऐसे कार्यों के लिए परिश्रम, दृढ़इच्छाशक्ति और सतत प्रयास आवश्यक होते हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों के प्रति संवेदनशील और दूरदृष्टि के नेता हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश का भविष्य उज्ज्वल हो जाएगा और कोई युवा बेरोजगार नहीं रहेगा। नई शिक्षा नीति प्रधानमंत्री श्री मोदी के महत्त्वपूर्ण विजन में एक है। इस नीति से देश को नई दिशा मिलेगी।
डाॅ. निशंक ने इस मौके पर अपनी एक कविता में पर्यावरण को लेकर अपना दर्शन व्यक्त किया-
अभी तो मुझे आश्चर्य होता है
कि कहां से फूटता है यह शब्दों का झरना
कभी अन्याय के सामने
मेरी आवाज की आंख ऊंची होती है
तो कभी शब्दों की शांत नदी
शांति से बहती है।
ठतने सारे शब्दों के बीच
मैं बचाता हूं अपना एकांत
तथा मौन के गर्भ में प्रवेश कर
लेता हूं आनंद किसी सनातन मौसम का।

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