चैंपियन ने इस बार एबीवीपी कार्यकर्ता को धमकाया

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खानपुर विधायक ने किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल, दी धमकी
देहरादूनः खानपुर के एमएलए कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत की उस बात को पूरी तरह झुठला दिया है कि चैंपियन अब सुधर चुके हैं। बिगड़ैक विधायक के नाम से मशहूर खानपुर के एमएलए कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गालियों, धमकी और हथियार रखने के रूप में बुरी तरह बदनाम चैंपियन ने इस बार की करतूत में एबीवीपी कार्यकर्ता पर जमकर भड़के और फिर मर्यादाओं को लांघकर धमकी दी तथा अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना नाता है। उन्हें उत्तराखंड को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी पर भाजपा से निकाला गया था, लेकिन लगभग एक साल बाद पार्टी में उनकी वापसी भी हो गई। इससे पार्टी के कई नेता अंदर ही अंदर खफा हो गए थे। तब भी कयास लगाए जा रहे थे कि चैंपियन की हरकतों में सुधार होने वाला नहीं। इस बार उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यकर्ता पर भड़क रहे हैं। बताया गया है कि उक्त कार्यकर्ता ने फेसबुक पर डिग्री काॅलेज के किसी कार्य को लेकर कोई कमेंट किया था। यही चैंपियन की नाराजगी का कारण बना। चैंपियन आॅडियो में सुनाई दे रहे हैं कि वह काम मैंने कराया है, तुम एबीवीपी वालों की कोई औकात नहीं है। चैंपियन उक्त कमेंट को हटाने की धमकी देते हुए कह रहे हैं कि वरना मैं उसे मंत्री को दिखा दूंगा। चैंपियन जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह निहायत अभद्र और निम्न स्तर की है। लगता नहीं कि ये शब्द किसी विधायक के मुंह से निकल रहे होंगे।
चैंपियन की हस हरकत के बाद अब भाजपा के उन आला नेताओं की जवाबदेही बढ़ गयी है, जिनकी सिफारिश पर चैंपियन को भाजपा में शामिल किया गया था। कुंवर प्रणव को भाजपा से निकाले जाने के पीछे कारण यह था कि उन्होंने शराब पीते हुए और हथियारों के साथ डांस करते हुए उत्तराखंड के लिए अश्लील गालियों का इस्तेमाल किया था। इसका वीडियो वायरल हुआ था। पिछले साल जुलाई में हुए इस घटनाक्रम पर भाजपा ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की थी। सोशल मीडिया पर इस पर तीखे सवाल उठे और भाजपा की कड़ी निंदा की गई। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी समेत राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसका संज्ञान लिया। तब जाकर प्रदेश भाजपा ने कार्रवाई कर चैंपियन को छह साल के लिए पार्टी से बाहर किया। कुछ दिन पूर्व चैंपियन को पुनः में पार्टी मंे ले लिया गया है। इससे पूरे राज्य में बवाल मच गया। जनता, विपक्ष और गैरभाजपाई ही नहीं, अंदरखाने अध्ािकांश भाजपाई भी प्रदेश इकाई के इस फैसले पर आग बबूला हैं। इन लोगों का कहना था कि उत्तराखंड को गाली देने वाले विधायक पर कौन सी ऐसी शहद टपक रही थी, जो उसे कुछ ही महीने बाद वापस ले लिया गया। ’थूककर चाटने’ की कहावत को चरितार्थ कर भाजपा ने उस पहाड़ी राज्य के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ किया है, जिसने अपनी अलग पहचान के लिए ही लंबा संघर्ष किया और अनेक लोगों की शहादत दी। बताया जा रहा है कि राज्य में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता कब से ही चैंपियन को अंदर करने की ताक में थे। आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड से चुनाव लड़ने का बयान उनके लिए बहाना बन गया था। सांसद अजय भट्ट द्वारा चैंपियन को कई भाषाओं का ज्ञाता बताए जाने पर भी आक्रोशयुक्त टिप्पणियां सोशल साइट पर की गयी थीं। कुंवर प्रणव चैंपियन की वापसी के बाद प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत के उस बयान पर जबरदस्त व्यंग्य किए गए, जिसमें उन्होंने कहा कि कुंवर प्रणव के आचरण में अब बहुत सुधार हो गया है।
बता दें कि चैंपियन इससे पहले कांग्रेस में रहे। वहां भी वे पार्टी के लिए मुसीबत बने रहे। 2016 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। वे अपनी उच्छृंखल करतूतों के लिए कुख्यात हैं। चार साल पहले चैंपियन के भाजपा में आने के दौरान भी अनेक सवाल उठे थे। 2006 में उन पर बहादराबाद में परिवहन निगम की बस के ड्राइवर पर गोली चलाने का आरोप लगा था। 2010 में कर्नाटक के मंगलौर में एक पार्टी में फायरिंग करते हुए उनका वीडियो वायरल हुआ था। उसी साल उन पर रुड़की में एक होटल मालिक पर गोली चलाने का आरोप तथा 2015 में उन पर हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर ग्रामीणों पर गोली चलाने का आरोप लगा था।

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