भारत की प्रतिभा को देश में ही रोकेंगेः ’निशंक’

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नई शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित वेबिनार में बोले केन्द्रीय शिक्षा मंत्री

नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने कहा कि नई शिक्षा नीति का एक उद्देश्य भारत की प्रतिभा को देश में ही रोकना है। हर साल आठ लाख तक बच्चे बाहर पढ़ने जाते हैं। उनके साथ डेढ़ लाख करोड़ रुपये भी प्रति वर्ष बाहर जाते हैं। हमें अपनी प्रतिभा के साथ यह धन भी यहां रोकना है। यह उद्देश्य फाॅरेन यूनिवर्सिटीज के यहां आने से पूरा होगा। इन विश्वविद्यालयों के आने से हमारे बच्चों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
नई शिक्षा नीति-2020 पर एक वेबिनार में डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली ऐसी नीति बनी है, जिसमें करोड़ों लोगों की भागीदारी है और इस पर 99 प्रतिशत लोग सहमत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसके हर एक अक्षर की माॅनीटरिंग की है। स्वरोजगार, नैतिक मूल्यों और भारतीय भाषाओं को इसमें महत्त्व दिया गया है। उल्लेखनीय बात यह है कि नीति के साथ-साथ हमने इसके क्रियान्वयन का रास्ता भी बनाया है।
माइंडमाइननेक्स्ट द्वारा ’न्यू एजुकेशन पाॅलिसीः रीडिंग एंड प्रिपेयरिंग स्टूडेंट फाॅर दि वल्ड’ शीर्षक पर आयोजित वेबिनार में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ ’निशंक’ ने कहा कि यह नीति हमारी लोकविधाओं की रक्षा करने में सहायक साबित होगी। 2025 तक किस प्रकार हम 50 प्रतिशत छात्रों को रोजगार से जोड़ पाएंगे? इस सवाल के जवाब में डाॅ ’निशंक ने कहा कि हम कक्षा-6 से ही बच्चे को रोजगार के साथ जोड़ रहे हैं। वह छठी कक्षा से ही अपने रुचि के कार्य-कला में इंटर्नशिप कर सकता है। दसवीं-बारहवीं तक पहुंचते-पहुंचते वह अपने कार्य अथवा व्यावसायिक शिक्षा में काफी दक्ष बन जाएगा। हमारे देश में छह करोड़ लघु उद्योग हैं। उनके साथ मिलकर हम कोर्स डिजाइन कर रहे हैं। हम प्रतिभा और ज्ञान के मामले में दीन-हीन नहीं हैं। प्रतिभा को निखारने और ज्ञान को सही तरीके से परोसने की आवश्यकता है। इस शिक्षा नीति का यही उद्देश्य है।
डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि कोरोना काल में हम 70 प्रतिशत बच्चों को आॅनलाइन शिक्षा देने में सफल रहे, बाकी बच्चों तक इसे पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। 100 विश्वविद्यालयों को हमने आॅनलाइन शिक्षा के लिए ओके कर दिया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. ’निशंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की सराहना करते हुए कहा कि नारी शक्ति की हम पुरुष से तुलना नहीं कर सकते हैं। पुरुष अनेक मामलों में उसकी बराबरी नहीं कर सकता। वह धरती, सरस्वती, गंगा न जाने कितने रूपों मंे शक्ति और सामर्थ्यवान है। कार्यक्रम में प्रो. बृजमोहन लाल मुंजाल एवं प्रो. प्रमोदराज सिन्हा समेत अनेक विशेषज्ञों ने भाग लिया। डाॅ. ’निशंक’ ने वेबिनार मंे इन विशेषज्ञों के माध्यम से दर्शकों के नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा से संबंधित सवालों का जवाब देकर उनकी विभिन्न जिज्ञासाओं को शांत किया।

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