फाइलों में दफन ढेंचा बीज घोटाले को ’जिंदा’ करेगी कांग्रेस।

2009-10 में कृषि विभाग में हुआ था ढेंचा बीच घोटाला जिम्मेदार कृषि अधिकारियों को दी जा चुकी है क्लीन चिट

देहरादून। एक दशक से भी अधिक समय पुराने ढेंचा बीच घपले की चर्चा फिर होने लगी है। वर्ष-2009-10 में उत्तराखंड की राजनीति में बेहद चर्चित रहे भ्रष्टाचार के इस मामले में ज्यादातर आरोपियों को 2017 में क्लीन चिट दे दी गयी थी। इस मामले में चार जिलों के मुख्य कृषि अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई थी। उनके खिलाफ रिकवरी और कार्रवाई के आदेश वापस ले लिये गए थे। कार्रवाई के नाम पर यही हुआ कि 170 से अधिक कर्मचारियों का एक-एक इंक्रीमेंट रोक दिया गया था।
बता दें कि 2009-10 में कृषि विभाग ने दुगुनी मात्रा में बाजार मूल्य से कहीं अधिक पर ढेंचा बीज की खरीद की थी। कृषि निदेशालय से सरकार से अनुमति लिए बिना ही देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के सीएओ को बीच खरीदने के आदेश दिए थे। त्रिपाठी जांच आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बीज खरीद से पहले लिए जाने वाले 130 नमूनों की जगह केवल आठ नमूने ही लिए गए। 14 हजार क्विंटल के बजाय 4400 क्विंटल बीज की ही आपूर्ति की गयी थी। बीज सभी किसानों तक नहीं पहुंच पाया था। हैरत इस बात की कि सत्यापन कराए बिना ही 1.40 करोड़ रुपये का भुगतान भी करा दिया गया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस घपले में कई बड़े लोगों को जिम्मेदार माना था, लेकिन वर्ष 2017 में लोगों को तब निराशा हुई, जब विधानसभा में पेश एक्शन टेकन रिपोर्ट में इस मामले में अधिकतर लोगों को क्लीन चिट दे दी गयी, जबकि 07 अप्रैल, 2014 को तत्कालीन अपर मुख्य सचिव कृषि डाॅ0 रणवीर सिंह ने देहरादून के मुख्य कृषि अधिकारी सुरेशचंद्र सिंह, ऊधमसिंहनगर के अंजनीकुमार उपाध्याय, हरिद्वार के दिनेश कुमार तथा नैनीताल के मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ0 अभयकुमार सक्सेना को इस मामले में दोषी मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए थे। दो अधिकारियों से रिकवरी के आदेश करते हुए सभी के दो-दो इंक्रीमेंट रोके गए और सर्विस बुक में बैड इंट्री दर्ज की गयी। चारों अधिकारियों ने उक्त आदेश के खिलाफ लोक सेवा अधिकरण में याचिका दायर की। तत्कालीन कृषि सचिव ने इन लोगों का पक्ष सुना। 05 अगस्त, 2020 को इन लोगों को दोषमुक्त करार दे दिया गया।
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कहते हैं कि इतने बड़े घपले में कोई दोषी नहीं पाया गया, यह बड़ी हैरत वाली बात है। भाजपा ने अपने लोगों को बचाने के लिए इस मामले को रफा-दफा किया है। कांग्रेस इसे जनता के सामने ले जाएगी।

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