गांधी के विचारों की संवाहक है नई शिक्षा नीति: निशंक

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जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में गांधीवादी विचार पर वेबिनार

नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी के विचारों की संवाहक है। गांधी सत्यवादी, मानवमूल्यों के विकास और भारतीय संस्कृति के प्रबल पैरोकार थे। वे चाहते थे कि व्यक्ति गतिशील, उपयोगी आौर आत्मनिर्भर बने। शिक्षा का कार्य बच्चे की सभी छिपी शक्तियों का विकास करना है। हमारी नई शिक्षा नीति में इन्हीं बातों पर फोकस किया गया है। बच्चे की क्षमताओं को निखारना ही इस नीति का उद्देश्य है। यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने कही।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की ओर से ’गांधीवादी विचार एवं दर्शन’ शीर्षक पर आयोजित वेबिनार में बतौर पर मुख्य अतिथि डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि गांधी जी ने हमारी भारतीय संस्कृति के एक-एक तत्त्व को अपनी आत्मा में अंगीकार किया था। वे हमारी भारतीय भाषाओं के अधिकाधिक उपयोग और उनकी रक्षा के समर्थक थे। वे कहते थे कि अपनी भाषा में बच्चा गैरभाषा की अपेक्षा अधिक और जल्दी समझता और सीखता है। हमने गांधी जी के इन विचार बिंदुओं को नई शिक्षा नीति में स्थान दिया है। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं को हमने पाठ्यक्रमों में महत्त्व दिया है। बच्चा पांचवीं तक अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकता है। गांधी के ’वसुधैवकुटुंबकम’ इत्यादि सिद्धांतों को हमने प्रमुख स्थान दिया है।


जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय सही मायने में गांधी जी के विचारों का ध्वजवाहक है। गांधी एक व्यक्ति नहीं, विचार है। आज पूरी दुनिया इसकी आवश्यकता महसूस कर रही है। दुनिया जब कष्टों से कराहती है तो बापू के दर्शन को याद करती है। उनके सत्य, अहिंसा, सौहार्द्र, सामाजिक समरसता आदि सिद्धांतों की दुनिया को आज नितांत जरूरत है।
डाॅ. ’निशंक’ ने कहा कि जामिया मिलिया गांधीवादी विचारों पर खरा उतर रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सशक्त भारत, आत्मनिर्भर भारत’ सपने को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जामिया को बदनाम करने की मंशा रखते हैं, लेकिन यह विश्वविद्यालय उन्हें बेनकाब कर देगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 से हमारे देश में शिक्षा और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिहाज से बेहतरीन नीति है। जामिया इस मामले में पूरी तरह मंत्रालय के साथ है। इसके क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय यथासंभव योगदान देगा।

(डाॅ. वीरेंद्र बर्त्वाल)

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